उम्मीद की किरण

निर्भया मामले में अपराधियों को फाँसी हो गई। इस कदम को कलमकार पूजा बाल्मीकि उम्मीद की एक नई किरण मानतीं हैं, आइए उनकी यह कविता पढ़ें।

आज हर लड़की के चहरे पे,
सजी एक मीठी सी मुस्कान हैं
निर्भया को मिला आज इंसाफ़ हैं
कि जश्न ए जीत का बना माहौल हैं
डरो तुम अब दरिंदों,
अब जानो क्या खौफ है,
उठे जो हाथ तो मिटा दिए जाओगे
बढ़े जो पैर, रौंध दिए जाओगे,
आत्मा को मारने वालों,
अब तुमसे भी जिंदगी छिनी जाएगी,
अब गुरूर में मत रहना,
कि छोड़ दिये जाओगे
जो कदम एक बढ़ाया,
दोजख पहुंचा दिए जाओगे
जागी फिर आज एक
उम्मीद की नई किरण है
मिलेगा हर लड़की को इंसाफ,
बस यहीं एक उमंग हैं

~ पूजा कुमारी बाल्मीकि

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