घर पर बैठे बैठे सुस्ताओ नहीं,
पास आओ मेरे घबराओ नहीं!
चलो आज कुछ नया करें हम,
किताबों से भला क्यों डरें हम!
विद्या जगत की रोचक बातें,
आओ आज हम गढ़ना सीखें!
चलो मित्र आज हम मिलकर,
बस खेल खेल में पढ़ना सीखें!
हिन्दी अंग्रेज़ी दोनों भाषा ऐसी,
दोनों लगे नई कोई पहेली जैसी!
पकड़ो जो हाथ इनका कसकर,
साथ में चले दोनों सहेली जैसी!
आओ इनके साथ में रहकर,
इनकी नब्ज़ पकड़ना सीखें!
चलो मित्र आज हम मिलकर,
बस खेल खेल में पढ़ना सीखें!
प्रत्येक सूत्र को रटते रहने से,
लगे गणित एक पहाड़ जैसा!
आवाज़ें बन्द हो जाएं सबकी,
जब गरजे शेर की दहाड़ जैसा!
गणित के विशाल से पर्वत पर,
हर पल उतरकर चढ़ना सीखें!
चलो मित्र आज हम मिलकर,
बस खेल खेल में पढ़ना सीखें!
तीसरा नम्बर आता है उसका,
जिसे हम सब विज्ञान हैं कहते!
इससे अब डर नहीं लगता हमें,
इसे घटनाओं का ज्ञान हैं कहते!
ज्ञान का अविनाशी शस्त्र थामे,
भीतरी भय से हम लड़ना सीखें!
चलो मित्र आज हम मिलकर,
बस खेल खेल में पढ़ना सीखें!
शेष सभी विषय महत्त्व हैं रखते,
कोई अति नहीं, कोई अल्प नहीं!
निष्कर्ष तो यही शिक्षा प्रक्रिया का,
परिश्रम का कोई विकल्प नहीं!
त्याग सभी हीन भावनाओं को,
जीवन में आगे बढ़ना सीखें!
चलो मित्र आज हम मिलकर,
बस खेल खेल में पढ़ना सीखें!
~ हिमांशु बडोनी (शानू)