संयम का यह वक्त है, देश करे पुकार
अब तो जनता मान ले, वक्त की ये धार
जीवन में संयम बड़ा, होता महत्वपूर्ण अंग
अनुशासन के बिना, चले न देश, न जीवन
आज जरूरत संयम की, बात ये लो मान
देश की है यह परीक्षा, इसको लो तुम जान
संयम से जीवन बने, संयम से देश महान
संयम जिसने तज दिया, देश बना मुल्क मसान
संयम का व्यवहार कर, बने हैं लोग महान
संयम ही आधार है, संयम राष्ट्र निर्माण
संयम की ही बात कहे, तो तुम ‘किशन’ इसे मान
संयम की है जरुरत, राष्ट्र करे आह्वान
~ डॉ कन्हैयालाल गुप्त ‘किशन’