देश के वीर सपूतों का बलिदान नहीं मैं भूलूँगा
दफ़न किया है जहाँ उसे उस मिट्टी को चूमूँगा
देश की मिट्टी को जिसने लहू से अपने सींचा है
भारत की आजादी जिसने दुश्मन से खींचा है
अपनी कुर्बानी से जिसने हमको आजाद किया
देश के खातिर जिसने प्राणों का बलिदान किया
ऐसे वीर जवानो का बलिदान नहीं मैं भूलूँगा
दफ़न किया है जहाँ उसे उस मिट्टी को चूमूँगा
देश के तिरंगे का जिसने अभिमान बढ़ाया है
अंग्रेंजो की गुलामी से जिसने आज़ाद कराया है
दुश्मन की गोली को जिसने सीने में खाया है
दुश्मन के आगे जिसने कभी न शीष झुकाया है
ऐसे वीर जवानों का बलिदान नहीं मैं भूलूँगा
दफ़न किया है जहाँ उसे उस मिट्टी को चूमूँगा
हँसते हँसते जिसने फांसी को गले लगाया है
भारत के तिरंगे को जिसने नभ में फहराया है
आजादी की खातिर जो खुद को कुरबान किया
अपने प्राणों से ज्यादा भारत माँ को प्यार किया
ऐसे वीर जवानों का बलिदान नहीं मैं भूलूँगा
दफ़न किया है जहाँ उसे उस मिट्टी को चूमूँगा
~ अमित मिश्रा