मिसाइल मैन के नाम से मशहूर भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015) जी की पुण्यतिथि पर हिन्दी कलमकारों ने कुछ कविताएं उनके जीवन और व्यक्तित्व को बताने की लिए लिखी हैं।
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ~ मनीषा कुमारी
नहीं था वह हिन्दू
ना केवल मुसलमान
उसके हृदय में था
संपूर्ण हिंदुस्तान
विज्ञान को दिया जिसने
एक नवीन आयाम
ऐसे थे हम सबके
ए पी जे अब्दुल कलाम
भारत रत्न मिसाइल मैन ~ खेमराज साहू
सभी धर्मों का पाठ पढ़ा कर,
ऊंच-नीच का भेद मिटाते हुए चले गए।
कलम के सिपाही थे राष्ट्रपति,
अब्दुल कलाम सब के दिलों में बस गए।
भारत रत्न मिसाइल मैन नाम से,
देश विदेश में भी पहचान बन गए।
छात्रों के प्रिय मार्गदर्शन देने में सक्रिय,
अपने विचारों से बहुत कुछ सीखा गए।
जन जन के थे डॉ. अब्दुल कलाम,
जिसे दुनिया करें झुककर सलाम।
बीमारी से लड़ते-लड़ते,
27जुलाई 2015 को हो गए बलिदान।
प्रेम था पशु पक्षी, संस्कृतियों से,
जिसने संतो और मंदिरों को किया प्रणाम।
भारत देश के महामहिम थे,
मिसाइल मैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम।
गुदड़ी के लाल: डॉ. कलाम जी ~ दिलखुश मीना
जुलाई के महीने की सत्ताईस तारीख को,
सुबह दुखद समाचार प्रकाशित हुआ।
जिसमें कहा गया कि कलाम साहब नही रहे,
सुनते ही हर किसी की आँखें भीग गई।
राजकीय अवकाश हुआ घोषित उस दिन,
उनके सम्मान में राष्ट्रीय शोक भी हुआ,
ऐसे फरिश्ते सदियों में जन्म लेते हैं,
उन्हें हकीकत में देखने का ख़्वाब अधूरा रह गया,
राष्ट्र के लिए घर, जवानी, जिंदगी न्यौछावर की,
ऐसे हैं चमन के फूल भारत की धरती पर,
उनके विचारों को हारा हुआ पथिक पढ़ लें तो,
उसका उत्साह कई गुना बढ़ जाया करता है।
देखा एक सपना आपने पूरी दुनिया के सामने,
इक्कीसवीं सदी का भारत मेरा भारत होगा,
आपके विचारों और प्रेरणाओं को पूरे विश्व में,
प्रसारित करेगी इस युग की युवा पीढ़ी।
दुनिया को जाते-जाते यह पैगाम दे गये,
सूर्य की तरह जलाकर तारों की तरह चमका गये,
कठिनाइयाँ जरूरी बताकर सफलता का आनंद दे गए,
सपने सच होने से पहले महान सपने दिखा गये,
सपनों को हकीकत में बदलना सिखा गये,
हारने वाले को को भी जीतने का हौसला दे गये।
अब्दुल कलाम ~ स्नेहा धनोदकर
चर्चा हुआ उसका आम था,
वो भारत का राष्ट्रपति कलाम था,
मिसाइल मेंन उसे कहा जाता हैं,
मिसालो मे नाम उसका लिया जाता हैं…
सबको नयी क्रांति से उसने परिचित करवाया,
करने को हैं बहुत कुछ ये विदित करवाया..
अग्नि की उड़ान बन गया वो,
दे गया लोगो को अदम्य साहस.
भारत की वो बना आवाज़,
टर्निंग पाइंट का देकर साज़…
जीवन की यात्राओ से,
भर गया जोश छात्रों मे,
युवाओं की बना पहचान,
वो राष्ट्रपति था महान..
इंजिनियर और वैज्ञानिक बना था वो,
किया था पोखरण परीक्षण…
छोटी छोटी बातो का करता था,
हर किसी को मार्गदर्शन..
जाने कितने पाए थे उसने पुरस्कार,
भारत रत्न था वो हमारा प्यार,
सभी को देता था मान,
छोड़ हमेशा गया स्वर्ग सिधार..
चलते हैं आज कई,
उसके नक्शे कदमो पर,
प्रणाम तुझे हैं वीर कलाम,
नमन हमारा तुम्हारे चरणों पर