कोरोना एक रोग संक्रामक
मजाक इसे बनाओ ना।
तोड़ के संक्रमण की कड़ियाँ
दूर इसे भगाओ ना।
चीन इरान , जापान अमरिका
भुगत रहा इसके परिणाम।
हे भारती के मानस पुत्रों
इसको यूँ झुठलाओ ना।
संयम और समझदारी से
मिलकर हमको लड़ना है।
अफवाहों की देखादेखी
भयभीत हमें नहीं होना है।
स्वच्छता और सूझबूझ से
मिलकर महा रोग मिटाना है।
दिशा निर्देशों का पालन कर
संकट यह परे हटाना है।
यही समय है, है अग्नि परीक्षा
आपस के भाईचारे की।
मदद हमें करनी है मिलकर
बेबस और बेचारे की।
अपनी रक्षा स्वयं सुरक्षा
का परचम फहराएगा।
जन जन जब समवेत स्वर
मिल मंत्र यही दोहराएगा।
बादल तम का तभी हटेगा
संक्रमण भी तभी घटेगा।
महामारी से लड़ने को
जब हर योद्धा आगे आएगा।
आओ मिलकर संकल्प उठाएँ
शुचिता को जीवन में अपनाएँ।
निज संस्कृति और संयम के बल
इस कोरोना को दूर भगाएँ।
~ मनोज कुमार सामरिया “मनु”