सपनो का आसमाँ

सपनो का आसमाँ

सपनों की कोई सीमा नहीं होती है, वे तो खुले आसमान की तरह अनंत हैं और सपने देखने का अधिकार तो सभी को है चाहे लड़की हो या लड़का। कोई अपने सपने पूरे करने की दिशा में बढ़ रहा तो हमें बाधक नहीं बनना चाहिए।

लड़कियों के पर तो नहीं होते,
पर वो उड़ना चाहती हैं

उड़ना चाहती हैं
अपने सपनो के आसमाँ को छूना चाहती हैं।
छूना चाहती है उन उचाइयों को
जिसे लोग उसके लिए नामुमकिन कहते हैं।

कहते है लोग की लड़कियों के पर निकल आये हैं
पर तो नही होते लड़कियों के फिर भी वह उड़ना चाहती हैं।
अपने सपनो के आसमाँ को छुना चाहती हैं।

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.