यह वक्त भी गुजर जाएगा,
थोड़ा संभल कर तो देखो,
यह समय भी खुशनुमा हो जाएगा,
थोड़ा घरों में रुक कर तो देखो,
यह जंग भी जीत जायेंगे,
घरों में ठहर कर तो देखो,
जंग से सब साथ निकल जायेंगे,
थोड़ी सहायता करके तो देखो,
इस युध्द में भी विजयी होंगे,
थोड़ा सतर्क रहकर तो देखो,
शत्रु भी यूँ ही सड़कों पर सड़ जाएगा,
पैरों को घरों में रोककर तो देखो।
~ अतुल चौहान