ग्रीष्म ऋतु के मौसम में
दिन बड़े हो जाते हैं
रात में लोग घर से बाहर
सोने लग जाते हैं
सूरज दादा भी अपनी गर्मी से
सबको परेशान करते हैं
बच्चें, बूढ़े, औरत और मर्द सब
व्याकुल हो जाते हैं
गौरैया नहाती हैं धूलों में
तो कही मेढक जलाशय से बाहर आ जाते हैं
और, कही-कही कुत्ते भी हाफतें नजर आते हैं
लेकिन, ग्रीष्म ऋतु में अलग
आनंद मिलता है आम और लीची
जैसे मीठे फल खाने को मिलते हैं
तो कही ठंढे पेय पदार्थ
पीने को मिल जाते हैं
ग्रीष्म ऋतु जब आती है
सभी को पसीने ला देती है
यह ऋतु कब जाएगी सब यही मनाते हैं
वृक्ष की ठंढी छाया में
सब आराम करते हैं, तो किसी
की हाथ मे पंखा नजर आ जाती है
यह देखकर ग्रीष्म ऋतु भी मुस्कुराती है
हर साल मैं आऊँगी
ग्रीष्म ऋतु जाते समय कह जाती है