सुनसान शहर हर गली वीरान हैं।
कहाँ गए इंसान यह सोच पशु भी हैरान हैं।।
कुदरत का यह कैसा कहर बरस रहा हैं।
इंसान अब बाहर निकलने से भी डर रहा हैं।।
बड़े-बड़े महल भी अब जेल लगने लगे हैं।
बाजारों के नजारें अब श्मशान से लगने लगे हैं।।
हालात अब बदल से रहे हैं।
लाखों लोग कोरोना से तड़प रहे हैं।।
पर तालाबंदी का असर तो हुआ हैं।
कोरोना भारत पर हावी नही हुआ हैं।।
देश का संकल्प हम कोरोना को हराएगें।
फिर से विश्व गुरू वाला पताका फहराएगें।।
अब देश को हमारा साथ चाहिए।
आप परिवार के साथ अपने घर मे ही रहिये।।
कुछ दिनों बाद हिन्द नया इतिहास बनाएगा।
करो समर्थन तालाबंदी का हिन्द कोरोना को हराएगा।।
~ दीपिका राज बंजारा