5 बजे 5 मिनट की धन्यवाद मुहिम पर मेरी एक छोटी सी कोशिश। बहुत बहुत धन्यवाद हमारे डॉक्टर्स का, हमारे पुलिस कर्मियों का, हमारे सेना के जवानों का और उन सभी लोगों का जो इस जटिल समय में अपनी जान दांव पर लगा कर हम सब को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक बहुत जरूरी ना हो घर से बाहर ना निकलें, घर पर रहें, खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।
घर पर उनके भी बच्चे हैं फिर भी ये सब हैं डटे हुए,
इस महामारी के संकट में खुद इस बीमारी से सटे हुए,
अपने जीवन से बेपरवाह ये डॉक्टर हमको बचा रहे,
कैसे हम सब को बचना है ये बार बार हैं बता रहे,
ये पुलिसमैन भी लगातार अपनी ड्यूटी को निभा रहे,
हर परिस्तिथी से लड़ने को तैयार अपने ही घर को भुला रहे,
इस महामारी के संकट में जवान अब भी सीमा पे डटे हुए,
जय भारत माता जय जगजननी ये सारे नारे रटे हुए,
ये तीनो अपनी जानों को हमारे लिए दावं पर लगा रहे,
लेकिन अब भी कुछ ऐसे हैं जो जिम्मेदारी ना निभा रहे,
कुछ लोग बिमारी छुपा छुपा अस्पताल से भागे फिरते हैं,
अपने ही प्यारे लोगों को संकट में डाले फिरते हैं,
गर लड़ना है इस संकट से सब को एकजुट होना होगा,
जो बातें संकट से बचा रही उन सब का पालन करना होगा,
हे जग जननी हे शिव शंकर हम सब तेरे ही बालक हैं,
हम सब हैं ये भी मान रहे हम बहुत बड़े नालायक हैं,
जब जब विपदा है आन पड़ी तुमने ना देर लगायी है,
हे नाथ मेरी हे मात मेरी फिर कैसी घडी ये आयी है,
कर दो कुछ ऐसा चमत्कार बच्चे तेरे घबराये ना,
ये कोरोना नामक दैत्य यहाँ अब और उत्पात मचाये ना,
हो लोग सुखी फिर एक बार डर डर कर जीना बंद करें,
सब बच्चे तेरे एक बार गलतियों पर अपनी गौर करें,
है धन्यवाद उन वीरों का जो हैं अस्पताल में डटे हुए,
है धन्यवाद उस सैनिक का जो हमारी रक्षा में लगे हुए।~ शंकर फ़र्रुखाबादी