वह वक्त आएगा
जब विनाश टलेगा
मानवता जीतेगी
और कोरोना भाग जाएगा ।
वह वक्त आएगा
जब इस रास्ते के कांटे को
सभी मिलजुल कर हटाएंगे
और फिर से मानव प्रेम की माला बनाएंगे ।
वह वक्त आएगा
जब कैद हुआ पंछी
फिर आजादी मनाएगा
और पंख फैलाकर आसमान में उड़ जाएगा ।
वह वक्त आएगा
जब इस महामारी को भूलकर
लोग एक दूसरे से घुल मिल जाएंगे
और अपने को देखकर फिर से सब इतरायेगे ।
वह वक्त आएगा
जब मानव समाज
अपना रूप फिर से गढ़ेगा
और अपने कर्मों को देश के लिए योगदान करेगा ।
वह वक्त आएगा
जब विकास की रुकी रेल
फिर से पटरी पर आएगी
और विश्व को अपना प्रभाव दिखाएगी ।
~ शिवम तिवारी