सुन्दरी

सुन्दरी

सौंदर्य वर्णन पढिए, कलमकार योगेश कुमार पाण्डेय की इस कविता में एक सुंदरी के रूप और स्वभाव को दर्शाया गया है।

जब तेरे सुकोमल अधरों से
मुस्कान तरंगित होती है
मन मन्त्रमुग्ध हो जाता है
जब तू एसे मुस्काती है

तू रानी है कलियों की
मैं राजा भौरों का हूँ
तू रसभरी बदरी गगरी की
मैं सतरंगा पनसोखा हूँ

तेरे कदमों की आहट से
मेरा रोम रोम पुलकित होता
स्वर्णाक्षर तेरे स्वर रागिनी के
मेरे दिल पर अंकित होता

तू सागर लहरों में रहती
तू फ़ूलों की खुशबु में है
दूर्वा पर शबनम बूँदों सी
तू इश्क़-ए-जुबां उर्दू में है

नदियों सी तेरी बलखाहट
मुझको यूँ तड़पाती है
खिल खिलाकर खिलते यौवन में
रास रंग भर जाती है

मैं भंवरा तेरे रूप कमल का
खिलने को गुंजन करता हूँ
तू शमा है, हूँ मैं परवाना
तेरे लिए आख़िर मरता हूँ।

~ योगेश कुमार पाण्डेय

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