हौसला रख न ईश्वर को भूल, अच्छे दिन आएगे, करो कबूल.
दु:ख भी कटता है और सुख भी कटता है.
दिन भी कटता है और रात भी कटती है.
पर ईश्वर को तू कभी न भूल,
भक्ति में हो जा मशगूल.
सिकन्दर भी आये, कलंदर भी आये.
न कोई रहा है, न कोई रहेगा.
करोना की औकात है बस इतनी कि इक्कीस दिन बाद वह खुद ही मरेगा.
दिन है ये भारी, सितम भी है भारी.
मगर क्या करे ये अलम भी है भारी.
वक्त का दरिया न रोके रुका है.
पहला गया था वैसे जाएगा यह भी.
हौसले से चींटी समन्दर पार कर जाती है और गीदड़ उसमें डूब मरता है.
हौसला सामान्य आदमी को असामान्य बनाता है.
वह इंसान में भगवान दिखाता है.
ईश्वर भी उसी की मदद करता है, जो हौसला कायम रखता है.
~ डॉ कन्हैयालाल गुप्त किशन