कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी की कविता पढ़ें- बेटियाँ। परिवार में बेटियाँ अनेक रंग भरती हैं और वे कुल की शान होती हैं। बेटियों की एक अलग और खास पहचान होती है।
बेटियां घर की आन होती है।
बेटियां घर की शान होती है।
बेटियां परिवार की अभिमान होती है।
बेटियां पापा की जान होती है।
बेटियां माँ की अरमान होती है।
बेटियां कुलों की पहचान होती है।
बेटियां भाई की ताकत होती है।
बेटियां कल्पना चावला है।
बेटियां किरण बेदी है।
बेटियां घर संभालती है।
बेटियां खेल जीतती हैं।
बेटियां शिक्षक है।
बेटियां रक्षक है।
बेटियां पायलट है।
बेटियां पीएम है।
बेटियां सीएम है।
बेटियों के घर नहीं होते,
पर बेटियां संसार रचती है।~ डॉ. कन्हैया लाल गुप्त ‘शिक्षक’
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