सारा ध्यान गरीबों पर
और उच्च वर्ग को फर्क नहीं
किसी को याद नहीं शायद
मध्यम वर्ग भी रहता है।
देश में अधिक गरीबी है
तनख्वाह भी आती गिनचुनकर
कुछ कह नहीं सकता किसी से ही
मध्यम वर्ग चुप रहता है।
सुनने वाला इनका न कोई
चुप रह के तमाशा सुनता है
नहीं अधिक कमाई इनकी है
मध्यम वर्ग दुःख सकता है।
महामारी हो लाचारी हो
सब मध्यम वर्ग पर भारी है
कुछ कर नहीं सकता स्वयं से भी
मध्यम वर्ग बस घुटता है।
नियम कानून सभी माने
इस देश को सबकुछ वो जाने
पर हर विपदा में नहीं कोई
मध्यम वर्ग की सुनता है।
~ साक्षी “सांकृत्यायन”