हम सबका एक करीबी रिश्ता होता है शिक्षक के साथ। कलमकार अभिषेक कुमार ने शिक्षक के प्रति अपने विचार और भावों को इन शब्दों में जताया है। शिक्षक मार्गदर्शक, मित्र और पिता की भी भूमिका निभाते हैं।
मेरे दिल में बसा हैं एक इंसान बहुत ही खास,
जिसने बच्चपन ही थाम रखा है मेरा हाथ,
कभी प्यार तो कभी गुस्सा दिखा कर,
उन्होंने हमेशा सिखाई है हमें अच्छाई की पाठ,
कभी दोस्त तो कभी भाई तो कभी पिता बनकर,
उन्होंने हमेशा दिखाई मुझे सच्चाई की ही राह,
आई बहुत सी कठनाइयाँ मेरे जीवन में,
पर हर वक्त उन्होंने दिलाई साहस की है अहसास,
खुद तो एक छोटे से ओहदे पर भी हो कर,
हमें पहुंचाया हैं उन्होंने हमारे मंजिल के हैं पास
उन्होंने ही तो करवाया है हमारे
माता-पिता के सपनों को साकार,
न देख कभी जाति, धर्म को उन्होंने
हमेशा पढ़ाया हमें इंसानियत की है पाठ,
वो है एक रूप फरिश्ता का,
तभी तो पुजे जाते हैं शिक्षक के रूप में वो आज.~ अभिषेक कुमार