अखिल विश्व में आतंक तुम्हारा कोरोना।
क्या खूब फैलते जल्दी जल्दी कोरोना।।
अति सूक्ष्म होकर भी करते काम बढ़े।
जो भी सुनता हो जाते हैं कान खड़े।।
जिस घर जाकर तुम भय फैलाते।
सर्दी खाँसी बुखार उनमें दिख जाते।।
बार बार हाथ धुलाई से तुम भाग जाते।
सेनेटाइजर देख तुम कभी निकट न आते।।
मास्क पहने मानव से तुमको भय लगता है।
तब छिपने का न तुम्हें ठिकाना मिलता है।।
संकल्प व संयम के हथियारों से तुम्हे हराएंगे।
भारत को जल्दी ही कोरोना मुक्त बनाएंगे।।
~ डॉ. राजेश पुरोहित