कुछ ऐसा ही होने “लगा” है इन दिनों,
सारा समाज मानो “जगा” है इन दिनों!”
कब से था जो ख़्याल क़ैद इस दिल में,
राख़ से उठ फिर से “सुलग़ा” है इन दिनों!
महामारी से जंग करने की खातिर,
सब पर कर्फ़्यू हर “जगह” है इन दिनों!
ख़ुद की साफ सफाई का रखो ख़्याल,
बहकावे की बातें “बेवजह” है इन दिनों!
भीड़ भाड़ वाले सब स्थानों पर जाना,
अब हो गया साफ़ “मना” है इन दिनों!
पुलिस, स्वास्थ्य विभाग भी सजग है दिन भर,
उनके कान खड़े, सीना “तना” है इन दिनों!
इस बार दिखाओ इस बीमारी को एकता की शक्ति,
चीन की आफ़त ने भारत को “चुना” है इन दिनों!
~ इं० हिमांशु बडोनी (शानू)