कोशिश यही सबकी होनी चाहिए कि वे सावधानी, स्वच्छता और सतर्कता अपनाते हुए कोरोना वायरस से बचें। कलमकार विजय कनौजिया का संदेश इस कविता में पढें।
कोरोना का खौफ आजकल
हर जीवन पर भारी है
कितनों को ये निगल चुका है
चिंतित दुनिया सारी है..।।सभी विवश हैं इस प्रकोप से
कैसी ये बीमारी है
कुछ तो रहम करो भगवन अब
विनती यही हमारी है..।।सहमा-सहमा जनजीवन है
हर चेहरा भयभीत लगे
इंसानो में दूरी बढ़ती
कैसी ये लाचारी है..।।कोई तो विकल्प मिल जाए
हर चेहरा फिर से मुस्काए
रहें सतर्क सभी जीवन में
हम सबकी अब बारी है..।।बचाव अभियान जरूरी है
स्वच्छता धर्म अपनाना है
रहे निरोगी सबका जीवन
कोशिश यही हमारी है..।।
कोशिश यही हमारी है..।।~ विजय कनौजिया
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