वो भी दिन थे
क्या फिर से वो दिन आएगें
न हम यूँ ही घरों में रह जाएंगे।।
वो भी दिन थे
क्या फिर से वो दिन आएँगे
अपनो से कभी हाथों में हाथ,
कंधा में कंधा मिला के चल पाएँगे।।
वो भी दिन थे
क्या फिर से वो दिन आएंगे
रोजाना जैसे जीते थे
जिंदिगी वैसे फिर से जी पाएँगे।।
वो भी दिन थे
क्या फिर से वो दिन आएंगे
न कोरोना के वजह से
एक दूसरे का साथ छोड़ जाएँगे।।
वो भी दिन थे
क्या फिर से वो दिन आएंगे
बस अब उमींदो के सहारे
पूरी लॉक डाउन कष्ट में रह जाएंगे।।
~ राजेश रजवार