पत्रकारिता एक सम्मानीय, प्रतिष्ठित पेशा है और पत्रकार निष्पक्ष ही होते हैं। जनसाधारण के लिए उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराना हर पत्रकार का दायित्व है। नीरज त्यागी ने अपनी कविता में ‘आज का पत्रकार’ में अपना विचार व्यक्त किया है तथा उन पत्रकारों को संबोधित किया है जो अपने कर्तव्य पथ से भटक गए हैं।
पत्रकारिता को बेशर्मो ने जाने क्या बना दिया।
चमचागिरी ने सभी को आज बहुत गिरा दिया।।वो पत्रकार जो आज बहुत चिल्ला रहे है।
ना जाने किस नेता की कमर सहला रहे है।।बहुत ही पाक पेशा होता है पत्रकार का,
चंद रुपयों की चाहत में उस पर दाग लगा रहे है।बहुत समय लगता है इनपर विश्वास होने में,
बेशर्म बनकर ये सब का विश्वाश गवा रहे है।सत्ता के लालची नेता रोज बदलते है हमारे यहाँ,
तुम क्यों पत्रकारिता को इनकी बांदी बना रहे हो।जब हमेशा पत्रकार इनकी हाँ में हाँ मिलाएगा।
तब उनके गुनाह लोगो के सामने कैसे लाएगा।।देश के विकास के लिए पत्रकारों को आगे आना होगा।
बईमानी के नकाब नेताओ के चेहरे से हटाना होगा।देश विकास के पथ में निरंतर आगे ही बढ़ता जाएगा।
कोई भी बईमान तब इनसे कभी भी ना बच पाएगा।।~ नीरज त्यागी
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