जब हम गुनगुनाते हैं तो लोग अक्सर पूछ लिया करते हैं कि क्या बात है जनाब! बड़े खुश लग रहे हो। वास्तव में संगीत हमारे दुखों को भी भुलाने में अहम भूमिका अदा करता है। विकट परिस्थितियों में तनाव मुक्त होने के लिए जरा गुनगुना कर देखना, अच्छा महसूस होगा। कलमकार रागिनी स्वर्णकार शर्मा ने भी अपनी रचना में ऐसा ही भाव प्रकट किया है।
दुख से न कभी भीत खाते हैं हम
इसलिए ही सदा मुस्कुराते हैं हम।
यादें जब सताती हैं, उनकी हमें
गीत कोई नया गुनगुनाते हैं हम।महफ़िलें दोस्तों से ही गुलज़ार है
संग संग हर लम्हा महकाते हैं हम।
कभी कोई चली है गमों की कहाँ
ग़म को भी खुशी से सजाते हैं हम।देखी है कहाँ उनने दरियादिली
समन्दर बूँद बदले लुटाते हैं हम।
बिसात क्या हादसा कोई रोके हमें
हौंसला, हौंसलों का बढ़ाते हैं हम।~ रागिनी स्वर्णकार शर्मा
हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/423668945206950
Post Code: #SwaRachit198