वो मुझे अपना बताकर चला गया
मेरी मुश्किलें बढ़ा कर चला गया।।
क्या नाम दूं मैं ऐसे शख्स को
जो मिला कर छुड़ाकर कर चला गया।।
मतलबी पराया कहूं भी तो कैसे
वो एहसास अपना दिलाकर कर चला गया।।
मैं रूठ भी गया था एक बार उससे
वो आया और मना कर चला गया।।
‘राहुल’ को याद है वह दिन अच्छे से
जिस दिन वो उसको बुला कर चला गया।।
– राहुल प्रजापति