जानने पर यही सोचेंगे

जानने पर यही सोचेंगे

चीत्कार व
सिसकियों के बीच में
कुछेक किलकारियां भी सुनाई दे रही है

जिन्हे पता ही नहीं है कि
आधुनकि दुनिया में कोरोना वायरस तो प्राणों को लील ही रही है

लेकिन कितने अपने भी है,
जो सांप बिच्छू बनकर अपनों को ही डंक मार रहे है

यथा
बलात्कार, हत्या
खून खराबा
चोरी, छिनैती, अपहरण…?

इनका क्या? आख़िर हम किस दुनिया में जन्म ले लिए हैं
मुझे जन्म देने वाले पूर्वज ऐसे थे!क्या!
जानने पर यही सोचेंगे!

~ इमरान संभलशाही

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