तुम कल्पना करो

तुम कल्पना करो

कल्पना कीजिये और उसे साकार करने के लिए प्रयास भी कीजिये। कलमकार दिनेश कुमार की कविता ‘तुम कल्पना करो’ में ऐसी ही प्रेरणात्मक विचारों और भावों को प्रस्तुत किया गया है।

तुम कल्पना करो
सुंदर कल्पना करो
तेरा अजीज क्या
सफलता तुझे सराहेगी।

करतूत कर और करता जा
बन जा योगी स्व संसार का
होगा राह कंटीला लेकिन
संघर्ष ही तुझे निखारेगी।

विचलन फिसलन है जग में
द्वंदता की बेड़ा हैं
थकेगा रुकेगा फिर भी
जिद्द ही तुझे जिताएगी

शिकस्त का भय क्यों जेहन में तेरे
फतह की तुम सांस लो
क्यों डरा हैं अंधेरी रजनी से
सुबह कोयल गीत सुनाएगी।

पतन की ओर उन्मुखता नहीं
जीवन की ओर जीवंतता लाओ
लेखनी की तैयारी करो
अराजकता इतिहास लिखाएगी।

रसधार तुम्ही रसखान हो तुम
निडरता की पहचान हो
संशय है तो खुद से पूछ
आत्मा राज बताएगी।

~ दिनेश कुमार

हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/426642361576275
Post Code: #SwaRachit203

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.