तू मुझे देखकर जब मुस्कुराती है।
सच नाजनीन मेरी जान जाती है।।
हाल क्या है जिगर का ये कैसे कहें।
तेरी अदा हर मेरे दिल पर ज़ुल्म ढाती है।।
देखकर तेरा फसाना मौन हूं अब तक।
हर कदम पर मुझे क्यों आजमाती है।।
दिल तो तेरा भी मुहब्बत की डगर पर है।
इसलिए तू मुझपर अपना हक जताती है।।
~ राहुल प्रजापति