चिड़ीमार

कलमकार लक्ष्मीकांत मुकुल इस कविता में गांव का दृश्य रेखांकित करते हुए कुछ तथ्य बताएँ हैं, आप भी पढें उनकी यह कविता- चिड़ीमार। जब काका हल-बैल लेकर चले जायेंगे खेत की ओर वे आयेंगे और टिड्डियों की तरह पसर जायेंगे…

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