थोड़ी दूरियां बढ़ा लें

कितना हाहाकर है सितम ढाने को जो जन्मा है लाइलाज़ कोरोना! सक्षम है, नष्ट कर देने को समस्त मानव जाति। चिंतित है सम्पूर्ण विश्व इस भयावह स्थिति से बस आशा की एक किरण है सोसल डिस्टेनसिंग तो आओ, आज थोड़ी…

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श्रमिक न घबराये श्रम से

श्रमिक! न घबराये, श्रम से मेहनत करता है दम-खम से। फिर! चूल्हा कल जलेगा घर पर चिन्ता उसको यही सताये। श्रमिक! श्रम की गर्मी से पिघला लोहा आकार है देता। खेतों में, कारखानों में खून जलाता पसीना बहाता। सुस्ता ले…

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