संकट कोरोना काल का

जूझ रहा संकट से जग, कैसी महामारी आई है। जीवन कष्टों में झूल रहा, कैसी लाचारी छाई है।। त्राहिमाम मचा हुआ है, धरती के हर कोने में। देखो दुनिया सहम रही है, सांसे भी अब लेने में।। मिलकर सबको संग,…

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कोरोना: एक अदृश्य शत्रु

संघर्षरत सम्पूर्ण जग, तनिक ठहर जाइए योद्धाओं की पुकार है ना घबराइए अदृश्य है शत्रु यह संभल जाइए अपने लिए ही सही मन की चेतना जगाइए भविष्य के लिए पहले वर्तमान चाहिए अदृश्य है शत्रु यह संभल जाइए देव से…

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धरती

सहनशीलता और धैर्य की विस्तृत है जो मूर्ति।अपने ही अणु-अणु, कण-कण से देती है स्फूर्ति।।हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब को एक सा प्यार।काला, गोरा, ऊंच-नीच सबसे सम व्यवहार।।हर पल कितने चोट सहती पर रखती ना कोई बैर।टुकड़ों में बांटी गई…

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