सुरा के सूर

जब से लॉक डाउन हो गया मेरा मन बेचैन हो गया। होगा कैसे व्यतीत ये क्षण कैसे कटेगे मेरे ये दिन।। सुरागार जब बंद हो गए जीवन कैसे चल पाएगा। किन्तु धीमे धीमे मंद गति से लॉक डाउन कट जाएगा।।…

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अहंकार का नशा

अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। हम सभी को ईश्वर से कामना करनी चाहिए कि वह हमें अहंकार से मुक्त रखें। कलमकार नीकेश सिंह ने अहंकार जैसे विषय पर अपने विचार इस कविता में प्रस्तुत किए हैं।  …

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मजदूर बना मजबूर

मजदूर बना मजबूर हां मजदूर हूं मै। बेबस और मजबूर हूं मै।। काम देखकर स्वप्न दिखाकर मुझको तुमने अपना लिया। आती देख मुसीबत मुझ पर तुमने मुझको ठुकरा दिया।। लाचार और विवश होकर के मैंने अपना घर छोड़ा। मुसीबत में…

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