Tag: कोरोना वायरस

  • २१वीं सदी की महामारी- COVID19

    २१वीं सदी की महामारी- COVID19

    कोरोना वाइरस वाइरस के नाम पर जुबां पर आया वुहान,कर चला मोहल्ले का कूचा कूचा वीरान।होती है हर प्राणी को प्यारी अपनी जान,लाकडाउन हुये आखिर जान है तो जहान।किस राह पर चल रहे विधाता तेरी संतान,ये कैसी जंग, कैसी दौड़े, किस ओर उड़ान।पर हो आया हमें अपनी संस्कृति पर अभिमान,हो हाथ जोड़ प्रणाम, ना हैलो…

  • लॉकडाउन में मजदूर

    लॉकडाउन में मजदूर

    इस वर्ष कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते तमाम कंपनियाँ, कल-कारखाने सुचारु रूप से नहीं चल रहें हैं और ऐसे में वहाँ काम करनेवाले मजदूरों की आय बंद/ठप हो गई। उन्हें किसी दूसरे विकल्प पर सोचने की आवश्यकता आन पड़ी है। हिन्दी कलमकारों ने इस समस्या को अपनी कविताओं में बताने का प्रयास किया है।…

  • COVID19 के दौरान लॉकडाउन

    COVID19 के दौरान लॉकडाउन

    मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है ~ अतुल कृष्ण बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथबसेरा बहुत दूरवतन से हो तो जाता हैपर जड़ों में की घर की यादऔर सोच में मिट्टी की महक बाकी हैयही वो एहसास है की”ज़िंदा हूँ” ना ही वो बचपन भूलता है –ना ही बिताये पल !बस अब फ़ोन ही…

  • कोरोना काल की समस्याएँ

    कोरोना काल की समस्याएँ

    कोरोना काल में  समस्याओं को व्यक्त करती कवितायें हिन्दी कलमकरों ने साझा की है, आप भी पढ़ें। फिर कोरोना एक इतिहास है ~ मधु प्रीति शर्मा यह जो कोरोना हैदुनिया का रोना हैचीन से आई ये बीमारी हैमचाई जिसने तबाही हैअमेरिका स्पेन जैसे देशों के बुरे हाल हैंकिसी एक देश पर नहीं पूरी दुनिया पर…

  • ज्योति कुमारी

    ज्योति कुमारी

    ज्योति ने बीमार पिता को गुरुग्राम से दरभंगा साइकल पर बिठाकर पहुंचाया; १२०० किलोमीटर से की दूरी तय करने वाली ज्योति की सराहना इवांका ट्रंप ने भी की है। देश की ज्योति कोरोना महामारी के इस दौर में जहाँ अनगिनत घटनाएं देखने-सुनने को मिल रही है। वहीं इन्ही घटनाओं में कुछ ऐसी असाधारण घटनाएं भी…

  • कोरोना संकट और लॉकडाउन से जुड़ी कविताएं

    कोरोना संकट और लॉकडाउन से जुड़ी कविताएं

    कोरोना महामारी के कारण भारत में भी लॉकडाउन पसरा हुआ है, हिन्दी कलमकारों ने लॉकडाउन और जन-सामान्य की समस्याओं को जाहिर करते हुए अपने मन के भाव इन कविताओं में लिखें है। वर्ष २०२० के महीने में लगा हुआ लॉकडाउन जून माह में भी समाप्त नहीं हो पाया है; इसका मुख्य कारण कोरोना महामारी है…

  • वक़्त सुखवाला भी आएगा

    वक़्त सुखवाला भी आएगा

    आज अगर अंधेरा है, निश्चय उजाला भी आएगा। दुःख की बादशाहत सदा न रहेगी, वक्त सुखवाला भी आएगा। फिर से किवाड़ खुलेंगे सारे , हृदय हर्ष-उमंग आएगा। शमा भी रोशन होगी फिर से, महफ़िल में रंग आएगा। शायद तंग आ चुकी थी प्रकृति, अब खुलकर अंगड़ाई लेने दो। कुछ सबक सिखाने थे वक्त ने, उसे…

  • मजदूरों की करुणव्यथा

    मजदूरों की करुणव्यथा

    देख उन्हें सड़कों पर, मैं व्यथित हो जाती हुं, दशा देखकर उनकी ऐसी, मैं लाचार हो जाती हुं। वायरस एक प्लेन से आया, प्लेन वाले बचे रहें, ऐसा क्युं हर बार ही होता, गरीब ही मरते रहे। ऊपर वाले तु भी क्या, गज्जब की रंग दिखाता है, मरे हुए को मार कर ही, शायद तु…

  • आँखों में तो बस गाँव है

    आँखों में तो बस गाँव है

    हाथों में सामान थामे कंधों पे बच्चे साधे बीवी को साथ में ले निकल पड़ा है अपने गांँव की ओर नंगे बदन, नंगे पाँव है आँखों में तो बस गाँव है। साथ है पानी और कुछ रोटियाँ ना जाने को है कोई घोड़ागाड़ियाँ कंधों पे लटक रही हैं कुछ पोटलियाँ पैरों में पड़ गई हैं…

  • कमजोर न समझो

    कमजोर न समझो

    इतना कमजोर नही समझो की सिर पैर सवारी हो जाए अनुशासन इतना मत लांघो की दुश्मन भारी हो जाए भूखे भी है प्यासें भी है बेबस है लाचार भी है पर इनको इतना मत रोको की ये मजदूर भी ब़ागी हो जाए ~ अमित अनमोल

  • आत्मनिर्भरता

    आत्मनिर्भरता

    निरालंब तुम रहना सीखो औरों का क्या दम भरना अपने नैया खुद हीं खेवो आत्म निर्भर जग में रहना औरों के बल पर जो बढ़ता शक्तिहीन कहलाता है जंगल में बोलो गीदड़ कब सिंहों सा आदर पाता है अपने भरोसे जीने वाले उन्नति के अधिकारी रहे जैसे जल में तूंबी रहती वैसे सब पर भारी…

  • मजदूरों का दर्द

    मजदूरों का दर्द

    वो घर बनाते हैं, तब रहते हैं लोग मकान में कोई उधार नहीं देता अब उनको दुकान में क्या खबर थी उन्हें कि इतना सितम होगा कि हम आएंगे ही नहीं अब पहचान में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोग कर देते हैं अक्षर मिलावट सामान में कभी-कभी रोना आ जाता है मुल्क की हालत…

  • कोरोना कर्मवीर

    कोरोना कर्मवीर

    क्या हमने कभी सोचा था, ऐसी हो जाएगी संसार, जान बचाने के प्रयास में, बंद होना होगा इस बार साबित करने का वक्त है ऐसा, कितनी देशभक्ति की खुमार, कुछ भी नहीं करना है मानव, रहना है परिवार के साथ थोड़ी तो उनका भी सोचो, छोड़ अपना घर -परिवार, जान हथेली पर लेकर भी, करते…

  • कोरोना- कर्मो का फल

    कोरोना- कर्मो का फल

    हो गए हैं अजनबी से अपने ही इस शहर में कौन अब किसको यहाँ जानना है चाह रहा जो कभी मिलता था हमसे स्नेह और प्यार से वही आज देखो देख कर आँख है चुरा रहा सोचने की बात है ये क्यों कब कैसे हुआ हर कोई यहाँ अपना अपना ज्ञान है बतला रहा आदमी…

  • कोरोना- छोटा वायरस

    कोरोना- छोटा वायरस

    एक छोटे से वायरस ने, यूँ कर दी तालाबंदी है. समझौते सँग सब जी रहे क्योंकि, कैद मे जिंदगी है. न होता लड़ाई झगड़ा है, न कही हुयी दरिंदगी है.. कम हुयी हैवानियत भीं, क्योंकि, कैद मे जिंदगी है. धरती माता स्वच्छ हुयी, गंगा मे अब न गंदगी है. साफ सी हो गयी हवा भीं,…

  • धन्यवाद कोरोना

    धन्यवाद कोरोना

    मानव है सर्वशक्तिमान, इस दंभ को तोड़ा तुमने, इस पुनर्जागृति के लिए तुम्हारा धन्यवाद कोरोना! यहाॅं सबको समय व अपनों का महत्त्व समझाया, ऐसे पुण्य हेतु हम सब करते हैं अभिवाद कोरोना! जिनसे तुम सुदूर हो, उन्हें जीने की उम्मीद है शेष, तुम्हारी उपस्थिति है भय व घोर अवसाद कोरोना! आख़िर तुम्हारा जन्मदाता है कौन-सा…

  • कोरोना की कहानी

    कोरोना की कहानी

    कहानी एक दिलचस्प सुनाती हूँ आओ तुम्हे एक बात बताती हूँ समय एक आया बड़ा भारी फ़ैलाने लगा जग में महामारी देश विदेश में मचाया तांडव हाहाकार करती जनता बेचारी कोविड-१९ नाम दिया उसको ना जाने कब हो जाये किसको सोच के भी जनता डर जाती घर में अपना समय बिताती मेल जोल थे उसके…

  • कोरोना से जीतेंगे

    कोरोना से जीतेंगे

    घर में रहकर स्वच्छता को अपनाकर सामाजिक दूरी का पालन करेंगे हा, हम कोरोना से जीतेंगे अफवाहों से बचकर कोरोना फाइटर्स की सलाह मानकर समाज और देश को सुरक्षित करेंगे जी हाँ, हम कोरोना से जीतेंगे हम तब तक इससे लड़ेंगे जब तक इसका वजूद ना मिटाएंगे डॉक्टर्स, पुलिस और सफाईकर्मियों का हौसला बढ़ाएंगे जी…

  • खतरा अभी टला नहीं है

    खतरा अभी टला नहीं है

    लॉक डाउन के चौथे चरण में खुलने लगी दुकान, झट पट अधिकतर दौड़ पड़े हैं, खरीदने सामान। पर इतना समझ लीजिए, खतरा नहीं अभी टला, सोशल डिस्टेंस न बनाया, जीना न होगा आसान।। अभी संभल कर रहना होगा, इसी में समझदारी, वरना चपेट में ले लेगा, न पहचाने यह महामारी। सड़कों पर अब बढ़ रही,…

  • मैं मजबूर हूँ

    मैं मजबूर हूँ

    गरीबों पर सबसे बड़ा संकट काल है प्रवासी मजदूरों का देखो हाल बेहाल है महामारी में जीवन जीना बड़ा दुस्वार हैं गरीब तबके पर पड़ी सबसे भारी मार हैं गरीब मजदूर ही सबसे ज्यादा मजबूर हैं चारों तरफ देश मे देखो मची हाहाकार है चुनावों के वक्त ही जिनसे मतलब होई इनके दर्द को नहीं…