भाग कोरोना भाग
कोरोना की जात नहीं, कोरोना की कोई पात नहीं, जात- पात विहीन कोरोना, जिसका कोई धरम नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना मानव नहीं, कोरोना कोई प्राणी नहीं, बस केवल है वायरस कोरोना, वायरस का वजूद नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना…
कोरोना की जात नहीं, कोरोना की कोई पात नहीं, जात- पात विहीन कोरोना, जिसका कोई धरम नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना मानव नहीं, कोरोना कोई प्राणी नहीं, बस केवल है वायरस कोरोना, वायरस का वजूद नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना…
कुछ ऐसा ही होने "लगा" है इन दिनों, सारा समाज मानो "जगा" है इन दिनों!" कब से था जो ख़्याल क़ैद इस दिल में, राख़ से उठ फिर से "सुलग़ा" है इन दिनों! महामारी से जंग करने की खातिर, सब…
वो सुहाना सफर, किसे थी ये खबर, ये भी दिन आएगें. हम चले थे कहाँ, आ गये हैं कहाँ, ये भी दिन आयेगे. भागमभाग जीवन, मन में था कुछ लगन, ठहर जायेगे. अब दिल डरता है, मन मचलता है, जीवन…
गुनहगार नही जो सजा आज पा रहे जाने किस ग़ुनाह की कीमत चुका रहे। दूरिया तोड़ी तय करने निकले रास्ते। मौत की फिक्र नही बच्चो के वास्ते कोई नही मददगार आस बस पाव पर पहले ही जख्म लाखो फिर मार…
मेरी ऐसी स्थिति नहीं कि अभी मैं मारा जाऊँ और न मेरी मौत आई है मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ पर मैं मौत के दरवाजे पर खड़ा हूँ। अपने लिए नहीं, और न केवल अपने परिवार के लिए बल्की अपने देश…
घर में बैठे बैठे यूं ही देह हमारा जकड़ गया है थे कितने बलशाली बाहर चोरी हमरी पकड़ गया है सुख चैन की नींद गवाया गाया गाना रटा रटाया खटिया खींच खांच कर देहरी पे ही राग लगाया जैसे किशोर…
आज देश कोरोना से लड़ रहा बालात्कार का केश, दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है तीसरी विश्वयुद्ध जैसी हालात है पर, उन दरिंदों की कमी नहीं जो राह पर शिकारी बन बैठा है मदद करने नहीं साहब दमन, शोषण करने लड़कियों…
बाहर निकलने की गलती मत कर खुद से तू ऐसी यह गद्दारी मत कर। ये दुनिया तो तेरी अपनी ही है समझदारी तू ऐसी तो मत कर। हाथ मिलाना इतना जरुरी तो नहीं थोड़ा दूर से नमस्कार तो तू कर।…
कोरोना को हराना है हर देहरी दरवाज़े पर एक दिया जलाना है, दिव्यपुंज से प्रकाशित नया सवेरा लाना है। कोरोना को हराना है।। स्याह अमावस की रात को दीप क्रमिका से सजा कर नया सवेरा लाना है। एक दिया जलाना…
जगमगाया हिन्दुस्तान, देवलोक है परेशान, ये ये जगमग ज्योति कैसी है, ये जगमग ज्योति कैसी है? क्या विश्वगुरु भारत अब जाग गया है, कोरोना जैसा रोग क्या भाग गया है, कैसी ये शंख ध्वनि, कैसा नाद है, सारा विश्व देख…
कोरोना • लॉकडाउन • बचाव चलो लॉकडाउन को खास बनाते हैं चलो फासलों का फायदा हम उठाते हैं, इन दूरियों में इश्क आजमाते हैं। तुम घर पर रहो अपने मैं भी रहूँ घर में, चलो इक्कीस दिन बिना मिले बिताते…
जब तक अपना कुछ न बिगड़ता है, तब तक कोई यहाँ न संभलता है। विपदा भारी जब आती है, तब होती यहाँ तैयारी है। नियमों को ताक पर रखने की अपनी ये पुरानी आदत है। घर पर रहना है सबको…
बेरोजगारी, गरीबी और मजबूरी ने मिलकर एक व्यक्ति इतना तंग किया, एक दिन वह बोरिया विस्तर लादकर घर छोड़कर चल दिया। सोचा! क्या करुँगा, कहाँ जाऊँगा मन मे बडा़ उदास था, कुछ भी करूँगा पर घर लोटकर नहीं जाऊँगा ये…
मै इलाहाबाद का नैनी वाला नया पुल भाई मेरी उदासी का हाल क्या जाने कोई? कभी सभी टहलते थे, मेरी छाती पर अपनों के संग और अकेले भी प्रेमी जोड़े इंतज़ार में करते हुए एक दूसरे की रति के लिए…
चल रहा युद्ध अब बिछ रही लाशे शत्रु अदृश्य है थम रही साँसे। न बम है न बारूद खौप है मन में अमेरिका का भी पस्त है इटली त्रस्त है चीन अभी मस्त है भारत दृढ़ है चल रहा युद्ध…
सच कहूँ जब मैंने भी सबकी भांति सुना दीपक जलाना है तो लगा ठीक है अच्छा है इसी बहाने बिन त्यौहार त्यौहार मना लेंगे उत्सुकता जरूर थी कि इस अजीबोगरीब माहौल में आज कुछ अलग सा होगा सकारात्मक भाव लिए…
इस महामारी के अंधकार की लड़ाई में आशा का एक दीपक यूं ही जलाए रहना हैं हमें आपको हम सबको देश का साथ देना हैं। मन के सारे अंधकार को मिटाकर एक दिया जलाए रखना है दौर नहीं हैं ये…
संकल्प, इच्छाशक्ति की राशि विशाल दुनिया ने एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने विश्वास की परिधि ने हर मन को था घेरा हुआ लग रहा था रात में कि, जैसे सवेरा हुआ था हर तरफ प्रकाशमान दीप इतने…
दीप जलाकर हमने दे दिया एकता का संदेश, सबको दिखलाया सदियों से महान भारत देश। अचानक इस विपत्ति का हम करेंगे मुकाबला, एक रहेंगे सदा, हम अकबर डेविड या सुरेश।। पूरी दुनिया को हमने एकता का पाठ पढ़ाया, वसुधैव कुटुंबकम…
दीप हम जलाएंगे, अंधकार निराशा को हम मिटाएंगे मन में जीत की आशा जागयेंगे, कोरोना को हराएंगे जाति-धर्म से ऊपर उठ कर, एकता को दिखाएंगे राजनीति से हट कर, हम राष्ट्रीय हित अपनाएंगे भारत के नागरिक का, कर्तव्य हम निभाएंगे…