Tag: जयंती विशेष

  • छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत

    छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत

    छायावाद के प्रमुख स्तंभ सुमित्रा नंदन पंत साहित्य क्षेत्र मे आप का योगदान अनंत सौम्य वयक्तित्व के स्वामी स्वभाव से संत बचपन से कविता की और झुकाव विद्वान अत्यंत कौसानी उनका जन्मस्थान सौष्ठव शरीर घुंघराले बाल, आपकी पहचान आप के साहित्यिक कृतियों ने दिलाए अनेक सम्मान आप की रचनाओं के साहित्य प्रेमी हैं कद्रदान मार्क्सवाद…

  • महाराणा प्रताप

    महाराणा प्रताप

    राणा जैसा हुआ ना कोईवो थे एक महान।वीर प्रताप वही एक थेउनकी अलग थी शान। झूठा है इतिहास जो कहताअकबर एक महानअपनी धरती माँ की उन्होंनेझुकने ना दी शान। दूत भेजता रहा वो अकबरझुके नहीं वो महान।हल्दीघाटी युद्ध हुआ जबअकबर था हैरान। अकबर भी राणा प्रताप काकरता मन में सम्मान।इन धरती पर वही एक थेहिंदुत्व…

  • वीर प्रताप राणा

    वीर प्रताप राणा

    वीर भूमि राजस्थान का,वह वीर प्रताप राणा था।जिसके साहस से कांप गया।अकबर ने लोहा माना था। 7 फुट के वीर का,72 किलो का भाला था।200 किलो का कवच पहनकर।चेतक पर चलता,आजादी का वीर मतवाला था। वीर भूमि राजस्थान का,वह वीर प्रताप राणा था। विधर्मी बनाना ना स्वीकार किया।40000 की सेना से,अकबर की,सवा लाख सेना को…

  • राणा प्रताप

    राणा प्रताप

    शोर्य और शूरवीर के प्रतीक राणा प्रतापदूर किया देशवासियों का संताप अपनी वीरता का सिक्का जमायामुगलों को जंग मे हरायाहल्दीघाटी का संग्रामदेता उनकी जीत का प्रमाण विश्वासपात्र चेतक पर स्वारपूरी शक्ति से किया प्रहारमुगल फौज का किया प्रतिकारशत्रु पक्ष का किया संहार धन्य तुम्हारे माता पिताधन्य धरती मेवाड़ कीजिसने तुम्हें जन्म दियालाज रखी मा भारती…

  • रविंद्रनाथ टैगोर

    रविंद्रनाथ टैगोर

    आज साहित्य के पुरोधा महाकवि गुरुदेव श्री रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती पर समस्त भारतीयों को बधाई देता हूँ और उनको एक कवितारुपी श्रृदांजलि अर्पित करता हूँ। भारत के साहित्यकार टैगोर महान अपनी सशक्त लेखनी से बनाई पहचान किया आपने अमर राष्ट्र गान वना वो भारत की आन बान और शान साहित्य मे अपना नाम कमाया…

  • रविंद्रनाथ टैगोर: महान कलाकार

    रविंद्रनाथ टैगोर: महान कलाकार

    हम सब कवियों की अरमान लिए खुद में आत्मविश्वास लिए भारतवर्ष की शान बने रवीन्द्रनाथ टैगोर सा प्रसिद्ध हुए। था जुनून दिल में, सोलह की उम्र में रची थी कई रचना अपनी विचार में साहित्य में भी रुचि रखे अपने ही लय में रवीन्द्रनाथ ठाकुर कहलाए भारत देश में। एक ही रचना अपनाए दो राष्ट्र…

  • गंगा-घाट

    गंगा-घाट

    युगों-युगों से यात्रा मेरी, तेरे साथ-साथ चलती रही। जन्मों-जन्मों से गुजर कर, तुम पर ही तो आ के थमती रही। जिंदगी के एक घाट से, मौत के, दूसरे घाट तक का सफर। युगों-युगों से ना बदला है। ना बदलेगा । जन्मों- जन्मों का यह सफर। देखता हूँ.. तेरे घाट पर, जीवन का अनूठा ही फन।…

  • गंगा जन्मोत्सव- ३० अप्रैल २०२०

    गंगा जन्मोत्सव- ३० अप्रैल २०२०

    माँ गंगा जिन्हें सभी नदियों में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। जो त्रिपथ गामिनी के नाम से भी विभूषित है। वास्तव में माता गंगा पराशक्ति माता जगदम्बा की अनंतानंत महाशक्तियों में से एक है। सृष्टि सृजन करते समय माता दुर्गा ने सात महाशक्तियों को अर्थात सात श्रेष्ठ नदियों को भगवान ब्रह्मा जी को प्रदान की थी।…

  • आखिर गुस्सा आ ही जाता है

    आखिर गुस्सा आ ही जाता है

    हम सभी में प्रेम, ईर्ष्या, दया, करुणा जैसे अनेकों भाव भरे पड़ें हैं, गुस्सा भी इसी श्रेणी में आता है। यह सारे भाव स्वाभाविक हैं और प्रत्येक स्त्री-पुरुष में समाहित हैं। इनपर नियंत्रण कर पाने की क्षमता सभी लोगों में एक समान नहीं होती है और इसी कारणवश गुस्से को सभी लोग बराबर काबू में…