मैं नारी हूँ

कलमकार सुनील कुमार जी महिलाओं के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं, आप भी पढिए। न मैं अबला न बेचारी हूं मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं मां-बहन- बेटी-बहू रूप अनेक धारी हूं मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं। बाबुल की मैं…

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नारी की महिमा

कलमकार महेन्द्र परिहार "माही" जी नारी शक्ति के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ समर्पित की हैं। महान नारी-शक्तियों को नमन करते हुए आप भी इनकी यह रचना पढें। साहस त्याग बलिदान की मूरत विश्वास प्रेम स्वाभिमान की सूरत तुम हर रंग…

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स्त्री- सुंदर भी सशक्त भी

कलमकार अनिरुद्ध तिवारी स्त्री के बारे में लिखते हैं कि वह सशक्त भी है और सुंदर भी। उनमें ममता, प्रेम, लज्जा, मर्यादा और ज़िम्मेदारी बहुत है। सहन करने कि शक्ति भी है और सच का आईना दिखने का गुण भी…

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