जीवन के रंगमंच की कठपुतलियां

विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर कलमकार प्रीति शर्मा "असीम" की एक रचना पढें। सभी रंगमंचर्मियों और प्रशंसकों को हार्दिक शुभकामनाएँ। कठपुतलियां है जीवन के, रंगमंच की। जुड़ी हैं जिन धागों से, जो सभी के, धागों को नचाता है। किसी…

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आलंबन विहीन मुस्कुराता दीपक है रंगमंच

कलमकार इमरान संभलशाही विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाओं के साथ एक रचना इस मंच पर प्रस्तुत की है और बताते हैं कि रंगमंच आलंबन विहीन मुस्कुराता दीपक है। चाय की बेशुमार प्यालियों के बीच चाय की चुस्कियों के साथ मूसलाधार ठहाके…

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विश्व रंगमंच दिवस

आज अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस (World Theatre Day) है और इस अवसर पर कलमकार राज शर्मा की यह कविता पढें। दुनिया एक रंग मंच है पात्र हरेक, रचे किरदार सब देखो अलग-अलग। सभी पड़ाव से गुजरती जिंदगी, न जाने कब कौन सा…

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