Tag: विश्व कविता दिवस
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कविता हमें रच रही है
कलमकार साक्षी सांकृत्यायन की एक खास रचना जिसमें वे बताती हैं की कवितायें हमें रचतीं हैं। विश्व कविता दिवस के अवसर पर उनकी इन पंक्तियों को अवश्य पढ़ें। गलतफहमी थी हमें कविता को हम सब रच रहे एहसास खुद को अब हुआ कविता हमें ही रच रही। हमें मिल रहा सम्मान जो साहित्य के इस…
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कविता- पेट नहीं भरती
विश्व कविता दिवस के अवसर पर कलमकार अजय प्रसाद जी के एक विशेष प्रस्तुती पढ़िये। कविता पेट नहीं भरती है मगर हाँ, भूख ज़रूर बढ़ा देती है लिखने वालों का । और ज्यादा लिखने के लिए और ज्यादा छपने के लिए और ज्यादा पढ़े जाने के लिए । कवी, कथाकार, लेखक, समीक्षक और जितने भी…
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कविता सारा संसार रचती है
कविता की भिन्न भिन्न परिभाषा सुनने में आती है। विश्व कविता दिवस (21 मार्च) के अवसर पर कलमकार इमरान संभलशाही ने बताया है कि एक कविता क्या-क्या हो सकती है। सभी रचनाकारों को कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। कविता सारा संसार रचती है कभी मंद तो कभी तेज़ चलती है कविता मुस्कुराती भी है तो…