कविता हमें रच रही है

कलमकार साक्षी सांकृत्यायन की एक खास रचना जिसमें वे बताती हैं की कवितायें हमें रचतीं हैं। विश्व कविता दिवस के अवसर पर उनकी इन पंक्तियों को अवश्य पढ़ें। गलतफहमी थी हमें कविता को हम सब रच रहे एहसास खुद को…

0 Comments

कविता- पेट नहीं भरती

विश्व कविता दिवस के अवसर पर कलमकार अजय प्रसाद जी के एक विशेष प्रस्तुती पढ़िये। कविता पेट नहीं भरती है मगर हाँ, भूख ज़रूर बढ़ा देती है लिखने वालों का । और ज्यादा लिखने के लिए और ज्यादा छपने के…

0 Comments

कविता सारा संसार रचती है

कविता की भिन्न भिन्न परिभाषा सुनने में आती है। विश्व कविता दिवस (21 मार्च) के अवसर पर कलमकार इमरान संभलशाही ने बताया है कि एक कविता क्या-क्या हो सकती है। सभी रचनाकारों को कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। कविता सारा…

0 Comments