मजदूर का दर्द
सोचा नही था कभी ऐसा दिन भी आयेगा,जेल छोड़ घर ही कैदखाना बन जायेगा।मजदूरी करके जब शाम को लौटकर आता थाअपने दोस्तों के साथ चाय पीने जाता थादिनभर के थकान उस पल में भूल जाता थाएक दूसरे के दर्दो का…
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May 16, 2020
सोचा नही था कभी ऐसा दिन भी आयेगा,जेल छोड़ घर ही कैदखाना बन जायेगा।मजदूरी करके जब शाम को लौटकर आता थाअपने दोस्तों के साथ चाय पीने जाता थादिनभर के थकान उस पल में भूल जाता थाएक दूसरे के दर्दो का…