Tag: AlokKaushik
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आलोक कौशिक की दस रचनाएँ
१) प्रकृति विध्वंसक धुँध से आच्छादितदिख रही सृष्टि सर्वत्रकिंतु होता नहीं मानव सचेतकभी प्रहार से पूर्वत्र सदियों तक रहकर मौनप्रकृति सहती अत्याचारकरके क्षमा अपकर्मों कोमानुष से करती प्यार आता जब भी पराकाष्ठा परमनुज का अभिमानदंडित करती प्रकृति तबअपराध होता दंडमान पशु व पादप को धरा परदेना ही होगा उनका स्थानकरके भक्षण जीवों कानहीं होता मनुष्य…
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सावन का महीना और बरसात
बरसात की बूदें प्रकृति में जीवन का संचार करतीं हैं। सावन का महीना बारिश के मौसम की शान है, इस मौसम में प्रकृति का सौन्दर्य अपने अलग रूप में होता है। हिन्दी कलमकारों द्वारा सावन के मौसम का अनूठा वर्णन किया गया है, उनकी स्वरचित कविताएं पढिए। सावन का महीना ~ सोनल ओमर बंजर धरती…