वैलेंटाइन वीक- इमरान संभलशाही के विचार

कलमकार इमरान संभलशाही जी ने 'वैलेंटाइन वीक' की व्याख्या अपनी कुछ कविताओं के माध्यम से की है। आइए उनके विचार पढ़ें- वैलेंटाइन डे वेलेंटाइन मैंने तुम्हेंदेखा है ऐसेफिर सोचा है ऐसेऔर तब जाकर चाहा है ऐसे जैसे कोईबरसींग की फसल…

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इमरान सम्भलशाही की कहानियाँ

१. माँ का थैला हर बार की तरह माँ चूल्हे के पास बैठकर आटा गूँथने में लग गई थी, मन ही मन कुछ बुदबुदाए जा रही थी और हाथ के कोहनी से बार बार आटा गूँथने के दौरान माथे पर…

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करवाचौथ की मंगलमय शुभकामनाएं

करवाचौथ प्रेम व समर्पण का पर्व है जो जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करता है। सभी माताओं व बहनों के सदा सुहागन एवं खुशहाल जीवन की कामना हिन्दी बोल इंडिया और उसके कलमकारों ने की है। आइए हिन्दी रचनाकारों की कुछ…

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तालाबंदी के बीते क्षण (संस्मरण) – इमरान संभलशाही

जब जन समुदायों की दैनंदिन दिनचर्या अचानक से ठप होने लगी। प्राण सिसकने से लगे। वातावरण सारे विस्मय होने लगे। सूरज भी फीका पड़ने लगा। चांद भी अपने बारी आने के इंतजार में सुस्ताने लगी। मौसल बेताल हो गया। पशु…

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आखिर कब सुधरेंगे हम? कितनी जानें जाएंगी?

पता नहीं माहौल ऐसा क्यों बन चुका है। इंसान में मानसिक विकृतियाँ उसे एक अलग ही रूप में प्रस्तुत कर देती हैं जो एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं होता। संकीर्ण मानसिकता के चलते अनेकों बार गंभीर अपराध हो जाते…

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इमरान संभलशाही जी की दस कविताएं

१) उपकार करो या सत्कार करो उपकार करो या सत्कार करोस्नेह मुहब्बत हर बार करो हो जीवन सावन जैसारहो न जग में ऐसा वैसाबारिश की फुहार बन कररिमझिम सी हर बार मरो लहर बनो प्यार के खातिरन मन में हो…

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बारिश की कहानी लिखती कलम

बरसात की बातें हिन्दी कवियों ने बड़ी खूबसूरती के साथ इन कविताओं में बताई है। यह मौसम जीवन में स्फूर्ति और पर्यावरण में हरियाली भर देता है। तपती धारा को शीतलता प्रदान करनेवाली वर्षा ऋतु की कविताएं इस पृष्ठ पर…

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