मधुशाला की बात निराली

हो संकट या, कोई विकट मधुशाला में, लगा है जमघट विपदा हो, या खुशहाली मधुशाला की बात निराली। लोग कोरोना से है, भय पाता मधुशाला का, दौरा लगाता मंदिर-मस्जिद, सब पर ताले मस्त है, फिर भी पीनेवाले यह देश की…

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मैं तुम्हारे साथ-साथ

कोरोना काल में ईश्वर पर दोषारोपण करने वालों को ईश्वर का जबाब- रूठो नही टूटो नही मैं तुम्हारे साथ-साथ सदा तेरे सर पे हाथ। डरो नहीं, झुको नहीं मिलाओ न अभी हाथ-हाथ मैं तुम्हारे साथ-साथ सदा तेरे सर पे हाथ।…

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सुरा के सूर

जब से लॉक डाउन हो गया मेरा मन बेचैन हो गया। होगा कैसे व्यतीत ये क्षण कैसे कटेगे मेरे ये दिन।। सुरागार जब बंद हो गए जीवन कैसे चल पाएगा। किन्तु धीमे धीमे मंद गति से लॉक डाउन कट जाएगा।।…

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कितनी बुरी है मधुशाला?

कलमकार भरत कुमार दीक्षित रचित व्यंग्य और हास्य पर आधारित इन रचनाओं का उद्देश्य किसी को आहत करना नही है, महज़ इसे मनोरंजन के लिए पढ़े। १.) खुली हुई है मधुशाला बन्द पड़ी है पाठशालाएँ, खुली हुई है मधुशाला। टूटा…

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