होली 2021

भरत लाल गौतम होली के उमंग मे ~ भरत लाल गौतम भाँति भाँति रंग चुन, लेके आया फागुन,होली मे मचाए धूम, फागुन के रंग मे. ढोल नगाड़ा मृदंग, संग लेके आओ भंग,मिल के लगाए रंग, होली के हुड़दंग मे. लाल…

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होली के रंग

डॉ. रमाकांत 'क्षितिज' रंग ~ डॉ. रमाकांत 'क्षितिज' जो भी आंखों से देख पाता हूंवह तुम ही तो होसफेद हो नीले हो हरे हो पीले होजो देखता हूंहर रूप में तुम ही तुम होहम तुम्हारे साथ खेलते हैं यातुम हमारे…

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जुलाई २०२०- अधिकतम पढ़ी गई कविताएं

JULY-2020: १) मधुकर वनमाली रचित उमर बत्तीस की • २ ) नीकेश सिंह यादव रचित मैं तेरे बिन अधूरा हूं • ३) अंजली सिंह रचित पुरुषत्व १) उमर बत्तीस की मधुकर वनमालीकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT1211 भैया तुम को क्या‌…

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मई २०२०- अधिकतम पढ़ी गई कविताएं

MAY-2020: १) वो दिन ~ बिभा आनंद • २) बांसुरी ~ मधुकर वनमाली • ३) रिश्तों का दौर~ चुन्नीलाल ठाकुर यादों की कमी नहीं होती है, हम उन यादों के बारे मे कितना लिखें? कभी कभी तो शब्द ही कम…

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आत्मनिर्भरता

निरालंब तुम रहना सीखो औरों का क्या दम भरना अपने नैया खुद हीं खेवो आत्म निर्भर जग में रहना औरों के बल पर जो बढ़ता शक्तिहीन कहलाता है जंगल में बोलो गीदड़ कब सिंहों सा आदर पाता है अपने भरोसे…

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मुश्किल में मुस्कान

चारों तरफ हीं अंधियारा है गलियां सब सुनसान मंदिर मस्जिद बंद पड़े हैं कहां जाए इन्सान नौनिहाल सब भूखे मरते हे देव करो अब त्राण अब कैसी विपदा आन पड़ी है मुश्किल में मुस्कान। गलतियों का पुतला मानव को तूने…

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