मदर डे

माँ के प्रेम को किसी भी एक दिन में बांध पाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन फिर भी मदर डे मनाया जाता है। जिससे बच्चा माँ को प्यार और सम्मान दे सके जिसकी वह हकदार होती हैं। भारत देश में…

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माँ की ममता

माँ जगत की जीवनदायिनी है। खुशियों की त्रिवेणी प्रवाहिनी है। माँ जीवन की बुनियाद है। हर वक्त पुत्र के हित करती फरियाद है। माँ पिता के क्रोध पर शीतल-सा पानी है। दुनिया में कहीं भी माँ का ना मिला सानी…

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मेरी प्यारी माँ

आप धूप मेरी मैं छाया तेरी आप दीपक मेरी मैं रोशनी तेरी आप जड़ मेरी मैं फूल तेरी आप बादल मेरी मैं बारिश तेरी आप गगन मेरी मैं पंक्षी तेरी आप आत्मा मेरी मै शरीर तेरी आप दिल मेरी मैं…

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सुला दो न माँ

बहुत भूख लगती है कभी तोप्यार से अब भी तुम खिला दो न माँख़ुद बच्चों की माँ हूँ फिर भीतुम्हारी ममता की छाँव तलाशती हूँउस एहसास को तुम फिर से जगा दो न माँबीमार होने पर पहले की तरहमेरे सिरहाने…

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माँ संसार से रुबरु कराए

हमें इस संसार से रुबरु कराएवो माँ ही तो है।दुनिया भर की प्यार लुटाये,वो माँ ही तो है।नन्हीं नन्ही जीवन को जो,जग में जीना सिखलाये,वो माँ ही तो है।ममता की गोद में जो,आँचल का आश्रय दिलाये,वो माँ ही तो है।निराहार…

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माँ तेरा चेहरा

माँ तेरा चेहरा तो मुझको याद नहीं हैबचपन में था खोया तुझको।लेकिन तेरा बेटा हूँ मैंकेवल यह सुधिएक अनोखा सम्बलदे देती है मुझको।।आँख मूँदकर जब भीमन में देखा तुझकोतुझको वहीं कहीं पर ही मैंने पाया है।तेरा बेटा हूँ तुझ बिन…

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मां के आँचल तले सुख

मां! मुझे जीवन भर, तेरे आँचल का आश्रय चाहिए आँचल तले स्वर्गीय सुख का, मां! वही अनुभव चाहिए अनुपम सुख और शांति, मां! केवल तुझसे है सब कुछ तेरे आँचल तले, मां! प्रेममय होना चाहिए। कठोर पीडा़ में भी, मां!…

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तू ही मेरी पूजा

तू ही मेरी पूजा, तू ही मेरा मन्दिर है ममता की खान, तू प्यार का समन्दर हैविपत्तियों मे तू शिखर के समान है'माँ' तेरी चर्चा जग मे महान हैमुझको 'माँ' ने संस्कार दिए, सिखलाया कोई ऐब नहींमुझको मेरी 'माँ' से…

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हर गुण सिखायेगी माँ

माँ है वोतुम्हे हर गुण सिखायेगीआगे चल कर तुम्हे तम्हारी माँ ही याद आयेगीसीख लोगी गर माँ से तुम दुनीया तुम्हे कभी ना डरा पायेगीनही सूनोगी ताने तुमससुराल मे भी मुस्कुराओगीमाँ है वोतुम्हे हर गुण सिखायेगीलोक लाज कि बाते भी…

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मातृ शक्तियों को शत शत नमन

जिस देवी ने है मुझे लिखा, उस पर मैं क्या लिख सकता हूँजिस देवी से सीखा पढ़ना, उस को कितना पढ़ सकता हूँजब आँख खुली तो माँ ही थी, उसकी साँसों से जन्मा था बस उसको ही समझा था मैंने,…

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वो है माई

ममता की माटी से, स्नेह के जल से,आदर के परिश्रम और आशीर्वाद के फल से,प्रभु ने जो दीप जलाई,वो है माई- वो है माई|नो माह तक हमें खुद मे रखा,ध्यान पूरे परिवार का रखा,न जाने कई पीड़ा की मार है…

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माँ तुम गंगा-यमुना हो

माँ शब्द कहने को तो बहुत छोटा शब्द है, किंतु इसमें पूरा संसार समाया हुआ है। दुनिया में माँ का दर्जा भगवान् से बढ़कर है, क्योंकि भगवान भी माँ सामने अपना सिर झुकाते हैं। मेरी माँ ममता की देवी है।…

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माँ है ईश्वर का अनुपम वरदान

मुसीबतों में भी हरदम मुस्काती।प्यार से सिर मेरा सदा सहलाती।। खुद भूखी, भरपेट भोजन कराती।सदन उपवन सा अपना महकाती।। कुशल प्रबन्धन से गृहस्थी चलाती।पिता की डांट से सदा हमें बचाती।। बुरी नजर का काला टिका लगाती।सारी बलायें हमारी अपने सर…

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माँ आ जाया करो

अब मैं रुठता नहीं, न देर तलक होता हूं।वो स्पर्श औषधि थी,गोद जन्नत... बस स्मृतियां शेष है।हां मां जब आंखें नम हो मेरी आया करो।ख्यालों में बस जाया करो।हां मां आया करो।जब नींद न आए तो वहीं लोरी की मुखड़े…

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मां की आंचल

बहुत मन करता है तेरी आंचल में रहने का तेरी लोरी सुनने के लिए बैचन रहती हूं तेरे बिना इस दुनिया में कोई पूछता ही नहीं तेरी हाथो से खाने का मन करता है पर तू कभी आती ही नहीं…

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मुझे आज भी याद है मां

मुझे आज भी याद है मांजब उंगली पकड़कर चलाने परअचानक बीच में छोड़कर मुझेखुद‌ के पैरों पर खड़ा होना सीखती थी।मुझे आज भी याद है मांतेरी ममता का मैला ऑचलजिससे सुरक्षा देकर मुझेहर कष्टो से लड़ना सिखाती थी।मुझे आज भी…

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ममता की छाँव में

माँ तेरी ममता की छाँव मेंकब बड़े हो गए,पता ही ना चला।माँ तेरी उँगली पकड़करकब चलना सीख गए,पता ही ना चला।माँ तेरी गोदी में सिर रखकरकब समझदार हो गए,पता ही ना चला।माँ तेरे पीछे भागते-भागतेकब जिंदगी के पीछे भागने लगे,पता…

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मां ही है वह भगवान

मां ने इस दुनिया में लाया।मां ने ही दुनिया दिखलाया।मां ने ही चलना सिखलाया।मां से ही तो है यह घर बार,मां ना हो तो लागे सब कुछ बेकार।मां है तो है ये संसारमां के बिना सब कुछ बेकार।कहने को तो…

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शब्द नहीं, संसार है माँ

शब्द नहीं, संसार है माँखुद में ही त्योहार है माँ।हो गरीब या अमीर कीएक पवित्र प्यार है माँ।दुख, सुख, फिक्र, सब्ररात, दिन इन्तजार है माँ।गुस्सा, झिड़क, चिंता, खुशीलाड़ ओ पुचकार है माँ।अच्छा, बुरा, पसंद, नापसंदबच्चों की जानकार हैं माँ।लोरी, थपकी,…

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परम्पराओं की संवाहक माँ

रीति-रिवाजों और परम्पराओं की संवाहक माँ,घर एक संस्था तो इस संस्था की संचालक माँ।ऊंच-नीच, भेदभाव रहित, सबको ही मिले और बराबर,आशा और विश्वास की केंद्र, ऐसी एक अभिभावक माँ। माँ का साथ तो रीति-रिवाज़ और परम्पराएं हैं,गर साथ नही तो…

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