Tag: मातृ दिवस
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माँ तेरी महिमा महान
मां तेरी महिमा महानतेरी महिमा का करूँ बखानहम पर सदा लुटाई जानदिए हमें अच्छे संस्कारसिखाया हमें बौद्धिक ज्ञान मां तू ममता की है मूरतभगवान से मिलती तेरी सूरतहमेशा करी हमारी जरूरतप्यारी छवि बेहद खूबसूरत मां के विना जीवन अधूरामां के प्रेम निश्छल और पूरा मां ही जीवन की प्रथम गुरुआदर्शों से पहचान कराएभले बुरे का…
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सारी बलाओं से अकेली ही लड़ती है माँ
हर गम को ख़ुशी में बदलती हैं माँ,सारी बलाओं से अकेली लडती हैं माँ। जब भी आये कोई भी परेशानियां,निर्भीक होकर ढ़ाल बनती हैं माँ। ऊँगली पकडकर चलना सिखाया,निश्छल, निस्वार्थ प्रेम करती हैं माँ। ममता के आँचल की प्रतिमूर्ती है,हर दिन कसौटी पर ढ़लती है माँ। हर मर्ज की दवा रखती है माँ,कभी दुलारती तो…
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जन्नत का दूसरा नाम “मां” है
या खुदा!मुझे सुख नहीं चाहिए!दुख नहीं चाहिए!मुझे जगत का चर अचर नहीं चाहिए!मुझे गगन तारे चांद भी नहीं चाहिए!नहीं चाहिए मुझे अप्सराएं!नहीं चाहिए मुझे खुशियां व सौगात!खेत खलिहान,हरियाली भी नहीं चाहिए!मत देना तुम मुझे शीतल वायु!मत देना तुम लंबी आयु!मत देना आंखों में ठंडक! मेरे ख़ुदा!मुझे तो बस मेरी “मां” दे दो!मुझे बस “मां” ही…
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माँ के बिना जहां का कोई अस्तित्व नहीं
आधा निवाला खुद खा आधा मुझे खिलाती थी।अपने रक्त की बूँद-बूँद से वो मुझे सींचती थी।। ख्वाहिशें उन्होने अपनी सारी जलाई ।जब मैं उनकी कोख से गोद में आई।। कोई ना देखे मुझे बुरी नजर से इस बात की वो फिक्र करती।धीरे-धीरे मैं बड़ी हो रही हूँ इस बात का वो जिक्र करती।। अँगुली पकड़…
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माँ की कृपा बड़ी निराली है
माँ की कृपा बड़ी निराली हैकरो समर्पण फिर जिंदगी में खुशहाली हैभले ही माँ भूखी रह जाती हैमुझे आई तृप्ति की डकार से माँ संतुष्ट हो जाती हैसंसार में माँ ही शक्तिशाली हैबिन माँ के दुनिया की बदहाली हैमाँ रातो को लोरिया सुनाती हैनींद में मीठे सपनो को बुलाती हैकभी नींद में हँसाती गालो में…
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छोड़ गया मैं तुझे माँ
छोड़ गया मैं तुझे मां, तेरी बेहया हाल मेंशहर को गया मैं मां, तेरी ख्वाहिश की अरमान में। छलक रही थी आशु मां, जुदाई भरी आंखों सेममता की चदर से मां, निकलकर उबरने से। याद आ रही हर लम्हें मां, जिन्हें बिताए थे हम खुशी सेएक ही थाली से मां, रोटी छीनकर खाने से। छोड़…
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दुःख दर्द में माँ को पुकारा
दुःख में, दर्द में, मैंने उसे पुकारादौड़ी चली आई माँ, उसने दिया सहारादुःख में, दर्द में, मैंने उसे पुकारा न सिर्फ खुशियाँ ही बाँटेमेरे दुःख भी बाँट लेती वोजीवनपर्यन्त मुझपर ऋण रहेगा तुम्हारादुःख में, दर्द में, मैंने उसे पुकारा न सिर्फ हमको समझाये वोहमको आगे बढ़ना भी सिखाये वोहमारा उज्ज्वल भविष्य है निखारादुःख में, दर्द…
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तुम ही मेरी माँ बनना
अपनी आंचल के साए में सदा महफ़ूज रखा हर बला से तुमने मुझको बहुत दूर रखा मेरी उंगली पकड़कर तुमने चलना सिखाया दुनियां के झंझावातों से निपटना सिखाया तुम्हीं ने मुझे सबसे पहले पढ़ना सिखाया पंख देकर आसमानों में उड़ना सिखाया एक तुम ही तो मेरी हर गलती माफ करती थी जब मैं बीमार पडती…