सुशांत सिंह राजपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि

अरे यार! इस तरह क्यों गए? ~ इमरान सम्भलशाही सितारे चमकते ही नहीं गर्दिश में चलते भी हैचकाचौंध भरे आंगन में गरीबी में पलते भी है जो दिलो में रहकर गुलाब का फूल सा बसे होते हैउनकी अपनी भी ज़िन्दगी…

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