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  • शिवजी की काव्यमय वंदना

    शिवजी की काव्यमय वंदना

    नमो शिव ~ सविता मिश्रा अनादि तू अनंत तूसत्य तू ओमकार तूधर्म तू ग्यान तूसाधू संतो का मान तूहाथ में त्रिशूल धरजटा में गंगधारीमस्तक में सोहे चन्द्रमाजय हो त्रिपुरारीतन पे लपेटे भस्मगले में सर्पमाल हैकालों के भी काल हैशिव शंकर महाकाल है । बस बेल पत्र और एक लोटा जलखुश हो जाते निमिष मात्र मेंदेते…