स्वतंत्रता दिवस की विशेष कविताएं

स्वतंत्रता आजादी के सपनों में खोए रहते थे,स्वतंत्रता के बीज रण में बोए रहते थे।खाए तन पर उनके कोड़े,किए ध्वस्त अंग्रेजी घोड़े।सत्य अहिंसा के पुजारी थे,वीर हमारे अहंकारी थे।जंग की लपटों में जला करते थे,मुठ्ठी में जान लिए चला करते…

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