नारी सम्मान में कवियों की १० कविताएं

नारी नहीं जहान हूँ कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया नारी नहीं जहान हूँहिंद की मैं शान हूँ झुका नहीं सके कोईवो प्रचंड आसमान हूँ,अस्मत मेरी पे जो ताकताउसके लिये हैवान हूँ,क़ायनात की मैं अप्सरासृस्टि की पहचान हूँ।…

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