स्त्रियों को संबोधित करती कविताएं

नारी प्रियंका विनयकलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया नारी को नारी रहने दोवो भी एक इंसान हैैसुख दुख के भावों से बनताउसका भी संसार हैदेवी का प्रतिरूप बनाकरलज्जा का अंबर न लपेटोपौरूषता के झूठे दंभ मेंना उसकी कोई सीमा बनाओउङती है…

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