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  • अब कोई मनभेद नहीं हो

    अब कोई मनभेद नहीं हो

    एक मजबूत रिश्ता बनाए रखने के लिए हमें आपस में कोई राज छिपाकर नहीं रखना चाहिए और न ही कोई गलतफहमी पालनी चाहिए। विजय कनौजिया जी कहते हैं कि ऐसी परिस्थिति का निर्माण कीजिये जहाँ मन में कोई भेद न रहे। तुम भी कह दो मैं भी कह दूं मन में अब न भेद कोई…